Ayodhya ram mandir ओपनिंग सेरेमनी मे कोन कोन हुआ था सामील ?

Ayodhya ram mandir ओपनिंग सेरेमनी :

(Ayodhya ram mandir ) श्री राम मंदिर की ओपनिंग सेरेमनी 22 जनवरी 2024 को हुवी थी और श्री चंद्रकांत बी सोमपुरा आर्किटेक्ट ने श्री राम मंदिर का डिजाइन बनाया है 22 जनवरी के दिन हमारे पीएम नरेंद्र मोदी श्री राम मंदिर की इनॉगरेशन सेरेमनी में हिस्सा लिया था इस सेरेमनी में लगभग 8000 लोगों को इनवाइट किया गया था जिसमें “विराट कोहली” ,”सचिन तेंदुलकर”, “अमिताभ बच्चन” और “मुकेश अंबानी”जैसे लोग शामिल हैं . (also read this : best web series on hotstar)

1980 में जब श्री राम मंदिर बनने की बात आई थी तब इनके डिजाइन के लिए वीएचपी के चीफ अशोक सिंघल एक आर्किटेक्ट ढूंढ रहे थे यहां जीडी बिरला ने इन्हें चंद्रकांत सोमपुरा का नाम रिकमेंड किया 81 साल के चंद्रकांत सोमपुरा एक आर्किटेक्ट फैमिली से हैं।

इनकी फैमिली 15 जनरेशन से टेंपल्स को डिजाइन करती आ रही है इन्होंने पूरे देश में लगभग 200 टेंपल्स को डिजाइन किया है जिनमें अक्षरधाम मंदिर, सोमनाथ मंदिर और स्वामी नारायण मंदिर भी शामिल है 1988 में इन्होंने ही श्रीराम मंदिर का ओरिजिनल डिजाइन तैयार किया था और 1997 में इन्हें बेस्ट आर्किटेक्ट का अवार्ड भी मिला था लेकिन 2020 में श्री राम मंदिर के पुराने डिजाइन को वास्तुशास्त्र और शिल्पशास्त्र के हिसाब से मॉडिफाई कर दिया गया था एक क्विंटल से ज्यादा सोना और चांदी आया

श्री राम मंदि के लिए एक क्विंटल से ज्यादा सोना और चांदी आया था।

Ayodiya ram mandir


राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर निर्माण को लेकर पिछले 2 महीने से ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के पास आ रहे राम भक्त कुछ ना कुछ दे रहे थे. विशेष रुप से चांदी दे रहे थे. वही मणिराम दास छावनी के पुजारी दिवंगत बजरंग दास ने भी मंदिर निर्माण के लिए 40 किलो के चांदी के ईंट दी थी. ऐसे ही 10 किलो 1 किलो 5 किलो कुल मिलाकर एक क्विंटल चांदी रखी थी और सोने के दाने भी थे जिसे आज सुरक्षित रखने के लिए ट्रस्ट को सौंपा

Ayodiya ram mandir के बारे में रोचक बाते:

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Ayodiya ram mandir के बारे में कुछ महत्वपूर्ण रोचक बाते नीचे प्रस्तुत किये गये हैं। ये आपके सामान्य ज्ञान के लिए हैं।

  • मंदिर 70 एकड़ में बना है. श्रद्धालु पूर्व दिशा से 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. इस मंदिर की नींव को बनाने में 2587 जगहों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है
  • अयोध्या का राम मंदिर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा
  • मंदिर का निर्माण प्रामाणिक उत्तर-भारतीय मंदिर शैली में किया गया है जिसे नागर शैली के नाम से जाना जाता है
  • नेपाल के शालिग्राम का उपयोग भगवान राम की मूर्ति के निर्माण में किया गया है
  • भगवान राम के दरबार की भव्यता बनाने के लिए राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है
  • मंदिर के उद्घाटन समारोह में थाईलैंड की आध्यात्मिक सौहार्दपूर्ण मिट्टी का उपयोग किया है
  • मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया है . किसी स्टील या लोहे का उपयोग नहीं किया किया गया है
  • अहमदाबाद का प्रसिद्ध सोमपुरा परिवार, जिन्होंने दुनिया भर में 100 से अधिक मंदिरों को डिजाइन किया है, मंदिर के वास्तुकार हैं
  • निर्माण कार्य पूरा होने के बाद, मंदिर 250 फीट चौड़ा, 380 फीट लंबा और 161 फीट (49 मीटर) ऊंचा है।
  • इस मंदिर में कुल 366 कॉलम बनाये गए है
  • मंदिर 10 एकड़ में बनाया है और 57 एकड़ भूमि को एक प्रार्थना कक्ष, एक व्याख्यान कक्ष, एक शैक्षिक सुविधा और एक संग्रहालय और एक कैफेटेरिया सहित अन्य सुविधाओं के साथ एक परिसर में विकसित किया गया है।

Ayodhya ram mandir सिर्फ एक गवाही भारी पड़ी ।

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सिर्फ एक गवाही जो बाबरी मस्जिद पर भारी पड़ी और हुआ श्री राम मंदिर निर्माण मे बात कर रहा हु एक ऐसे महान संत की ऐतिहासिक गवाही के बारे में जो सुप्रीम कोर्ट में श्री राम मंदिर निर्माण मामले में निर्णायक साबित हुई जगतगुरु” रामभद्राचार्य” जी ने रामलाला के पक्ष में वेद पुराण के 441 प्रमाणों को प्रस्तुत करके सुप्रीम कोर्ट में पूरा केस ही हिंदुओं के पक्ष में पलट दिया ।

सुप्रीम कोर्ट के मुस्लिम न्यायाधीश ने श्रीराम जन्म स्थान का सबूत वेदों में मांगा तब रामभद्र आचार्य जी ने एक नहीं पूरे 441 प्रमाण सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए जिनमें ऋग्वेद की जैमिनी संहिता में जन्म स्थान से 300 धनुष की दूरी पर सरयू माता का प्रमाण अथर्ववेद के दशम कांड में आठ चक्रों व नौ प्रमुख द्वार वाली श्री अयोध्या का वर्णन प्रमुख रूप से किया गया इसके बाद जब कोर्ट में इन सारे ग्रंथों को लाया गया तो जगतगुरु के द्वारा कही गई हर बात सही सिद्ध हुई इस गवाही के बाद कोर्ट के न्यायाधीश भी निशब्द थे और फैसला श्री राम के पक्ष में आया था ।