15 रीटेक्स लेने पर निर्देशक ने धर्मेंद्र को भड़काया: उन्होंने कहा – ‘मैं कोई न्यूकमर नहीं हूं, जो मुझसे टेक पर टेक करवा रहे हों।’

धर्मेन्द्र

धर्मेंद्र :

बॉलीवुड के अनुभवी अभिनेता धर्मेंद्र अब 88 वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने ने हमेशा से उत्कृष्टता और अपने गुस्से से निरंतर चरित्रित रहे हैं। निर्देशक पहलाज निहलानी ने एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि एक बार फिल्म की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र बहुत गुस्से में आ गए थे। उन्होंने अपने क्रोध को सीधे तौर पर निर्देशक के सामने व्यक्त करते हुए कई बातें कही थीं। ( इसे भी पढे : 2024 मे रिलीज होने वाली साउथ की सबसे बड़ी फिल्मे )

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फिल्म ‘आग ही आग’ के समय का कीसा

1987 में रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘आग ही आग’ की शूटिंग के दौरान एक घटना का यह किस्सा है। इस चलचित्र के निर्देशक शिबू मित्रा और निर्माता पहलाज निहलानी थे। धर्मेंद्र के गुस्से की वजह से नहीं, बल्कि कई बार रिटेक करने की आवश्यकता थी। एक दिन, शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र को एक सीन के लिए 15 बार रिटेक करना पड़ा। रिटेक के कारण धर्मेंद्र ने गुस्से में आकर डायरेक्टर को काफी कुछ कह दिया। इस फिल्म में उनके साथ शत्रुघ्न सिन्हा, नीलम कोठारी, चंकी पांडे, और गुलशन ग्रोवर सहित कई अन्य कलाकार भी नजर आए थे।

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पहलाज निहलानी ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सामान्यतः वह किसी एक्टर के साथ स्क्रिप्ट सेशन नहीं करते थे, लेकिन उन्होंने धर्मेंद्र के साथ फिल्म की कहानी लाइन विवरण किया था। जब डायरेक्टर को उनके अनुसार सीन परफेक्ट नहीं लगा, तो उन्होंने कई बार रीटेक करने का सुझाव दिया। इस पर, धर्मेंद्र ने सेट पर सभी के सामने गुस्से में कहा – “पहलाज, क्या मैं कोई न्यूकमर हूं, जो मुझसे बार-बार रिटेक करवा रहे हो।

धर्मेंद्र ने हाल ही में करण जौहर की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में एक बड़े पैम्फल रोल में चमकते हुए नजर आए। फिल्म ने उनके और शबाना आजमी के बीच का लव एंगल दिखाया। उनके और शबाना आजमी के बीच हुए किसिंग सीन के बारे में काफी चर्चा हो रही है।

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1960 में फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ के साथ उन्होंने ने अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। उन्होंने अपने लम्बे 6 दशकों के करियर में रोमांटिक, सामाजिक, क्रियात्मक, और नाटकीय फिल्मों में काम किया। भारत सरकार ने उनके सिनेमाघर में दिए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया है।

1990 में, धर्मेंद्र ने अपनी फिल्म ‘घायल’ के निर्देशन में नहीं केवल एक उत्कृष्ट प्रोड्यूसर के रूप में कार्य किया, बल्कि उन्होंने इसके लिए नेशनल अवॉर्ड (बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट) भी जीता। हालांकि, उन्हें उनके पूरे फिल्मी करियर में कभी भी बेस्ट एक्टर या सपोर्टिंग एक्टर का (नेशनल या फिल्मफेयर) अवॉर्ड नहीं मिला। फिल्मफेयर ने 1997 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा।